

परिषद द्वारा मत्स्य विभाग, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में मत्स्य पालन के क्षेत्र में आधारभूत डाटा एवं जनमानस में प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध कराने एवं लाभान्वित करने हेतु मत्स्य पालन प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है।
छत्तीसगढ़ राज्य में प्राकृतिक संसाधनों एवं औषधीय पादप प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। जिसका पारंपरिक उपयोग विभिन्न रोगों के इलाज में किया जाता है। अतः यह आवश्यक है कि औषधीय पौधों का संरक्षण एवं पारंपरिक ज्ञान का प्रलेखन किया जाएं। इस हेतु परिषद औषधीय एवं सुगंधित पौध प्रदर्शन केन्द्र की स्थापना हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
छत्तीसगढ़ राज्य में हीरे एवं अन्य मणि पत्थर प्रचार मात्रा में है। भविष्य में हीरे एवं मणि पत्थरों के उद्योगों की काफी संभावनाएं है। इस हेतु परिषद द्वारा मणि पत्थरों की पहचान, कटिंग एवं पाॅलिशिंग पर प्रशिक्षण हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। जिससे स्थानीय स्तर पर समाज स्वरोजगार उपलब्ध हो।
खगोल विज्ञान के क्षेत्र में राज्य विद्यालयीन एवं महाविद्यालयीन विद्यार्थियों एवं जनमानस जागरूकता लाने हेतु पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर में एस्ट्रोफिजिक्स एवं एस्ट्रोलाॅजिकल ऑब्जर्वेटरी की स्थापना की गई है। जिससे खगोल विज्ञान के विद्यार्थी एवं शोध कर्ता लाभान्वित हो रहे है। साथ ही परिषद द्वारा छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा संचालित पर्यटक मोटल / रिसार्ट में पर्यटकों हेतु अतिरिक्त सुविधाओं में वृद्धि तथा खगोलीय घटनाओं के अवलोकन हेतु उच्च क्षमता की टेलीस्कोप लगाये जाने का प्रयास किया जा रहा है।
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