राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
विज्ञान मानव जाति की सामान्य विरासत है। विज्ञान आज मानव जाति का सबसे बड़ा उद्यम है, जो ज्ञान के तेज विकास, बुनियादी जरूरते, आत्मनिर्भरता और शांति, मानव जाति की प्रगति व समृध्दि पर निर्भर करती है। भारत अपने समृध्द सांस्कृतिक विरासत के साथ सीखने की परंपरा तथा मूल विचार धारा को समाहित किये है। 100 वर्ष पहले सर चंद्रशेखर वेंकट रमन ने ‘‘रमन प्रभाव” की खोज विश्व को प्रदान की थी। यह खोज 28 फरवरी 1928 को किया गया था। इसके बाद यह राष्टीय विज्ञान दिवस के रूप में घोषित किया गया। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने के पीछे दृष्टिकोण है, विज्ञान के माध्यम से सच्चाई की खोज के लिए समर्पण की याद दिलाते हुए 2020 के लिए प्रगति, शांति और संमृध्दि के मार्ग पर बढ़ने के लिए राष्ट्र तैयार करना। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी से आयोजित किया जाता है, जिसमें शैक्षणिक संस्थाओं, सरकारी संगठनों और गैर सरकारी संगठनों को भाग लेने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। लक्षित लाभार्थी छात्र, शिक्षक एवं जनमानस संम्मिलित है। राज्य के 27 जिलों में विभिन्न कार्यक्रम व्याख्यान, संगोष्ठी, कार्यशाला, भाषण, पोस्टर, रंगोली, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का प्रारूप प्रपत्र......क्लिक करें
Shri Mudit Kumar Singh, IFS, Director General, CCOST addressing the gathering |
Distribution of Certificates to the Awardees |